M.K.SINGH( PRESS)

मंगलवार, 22 अक्टूबर 2019

गोरखपुर...। भक्ति और आस्था का केंद्र है माँ तरकुलहा देवी।

भक्ति और आस्था का केंद्र है माँ तरकुलहा देवी।  


रिपोर्ट- मनोज सिंह/आज़मगढ़
    गोरखपुर..।  आस्था और भक्ति का गहरा संबंध है, क्योंकि आस्था भक्ति मार्ग का पहला सौपान है, जो भक्ति को जागृत करता है। बिना आस्था के भक्ति माता के दर्शन असंभव है।
        उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद अंतर्गत तहसील व थाना चौरीचौरा क्षेत्र के देवीपुर गांव में चर्चित माँ तरकुलहा देवी मंदिर वर्ष 1940ई0 में स्थापित हुआ था। यह मंदिर गोरखपुर जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर देवरिया रोड पर फुटहवा इनार के पास मंदिर मार्ग का मुख्य गेट है। वहां से मंदिर की दूरी लगभग डेढ़ किमी है। तरकुलहा देवी मंदिर के दरबार में जाने के लिए हर समय साधन मौजूद हैं। यह प्रमुख धार्मिक और पर्यटक स्थल है। हर साल बड़ी तादाद में लोग यहां आते हैं। इस मंदिर के पास ही बाबू बंधू सिंह का स्मारक है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है, यहां प्रसाद में मिलने वाला बकरे का मांस। इसे देश का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां इस तरह की परंपरा प्रचलित है। चैत्र राम नवमी से एक माह का मेला लगता है, और यहां सौ से अधिक दुकानें स्थायी हैं और रोज मेले का दृश्य होता है। लोग पिकनिक मनाने भी यहां आते हैं। मुंडन, जनेऊ व अन्य संस्कार भी स्थल पर होते हैं। मनोकामना पूर्ण होने पर लोग बकरे की बलि देते हैं। और यहां मंदिर में घंटी बांधनते है। मंदिर परिसर में चारों ओर घंटियां देखने को मिल जाएगी। मन्नतें पूरा होने पर लोग अपनी क्षमता के अनुसार घंटी बांधते हैं।


          बतादें कि कभी घने जंगलों में विराजमान सुप्रसिद्ध मां तरकुलहा देवी मंदिर आज तीर्थ के रूप में विकसित हो चुका है। हर साल लाखों श्रद्धालु मां का आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। मां भगवती का यह मंदिर कभी स्वतंत्रता संग्राम का भी एक प्रमुख हिस्सा रहा है। उस समय मंदिर के पुजारी देवीपुर गांव के धिसियावन दास थे। जहां जंगल के बीच पिण्डी के रूप में मां तरकुलहा देवी की पूजा-अर्चना करते थे। विक्रम बहादुर सिंह उर्फ बच्चा बाबू भी मां की पूजा करने आते थे। इसके बाद विशेश्वर दास और तूफानी दास मंदिर के पुजारी रहे। वर्तमान समय में पंडित दिनेश तिवारी पुजारी के रूप में कार्यरत हैं। मंदिर के पुजारी दिनेश तिवारी ने बताया कि- “आजादी की लड़ाई में भी इस मंदिर का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अंग्रेज भारतीयों पर बहुत अत्याचार करते थे। डुमरी रियासत के बाबू बंधू सिंह बहुत बड़े देशभक्त थे। वह अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंके हुए थे। बंधु सिंह मां के भी बहुत बड़े भक्त थे। 1857 के आसपास की बात है। जब पूरे देश में आजादी की पहली हुंकार देश में उठी। गुरिल्ला युद्ध में माहिर बाबू बंधू सिंह भी उसमें शामिल हो गए।  वह घने जंगल में अपना ठिकाना बनाए हुए थे। जंगल से ही गुर्रा नदी गुजरती थी। उसी जंगल में बंधू एक तरकुल के पेड़ के नीचे पिंडियों को बनाकर मां भगवती की पूजा करते थे। अंग्रेजों से गुरिल्ला युद्ध लड़ते और मां के चरणों में उनकी बलि चढ़ाते। इसकी भनक अंग्रेजों को लग गई। उन्होंने अपने गुप्तचर लगाए। अंग्रेजों की चाल कामयाब हुई और एक गद्दार ने बाबू बंधू सिंह के गुरिल्लाा युद्ध और बलि के बारे में जानकारी दे दी। फिर अंग्रेजों ने जाल बिछाकर वीर सेनानी को पकड़ लिया। छह बार टूटा फांसी का फंदातरकुलहा देवी के भक्त बाबू बंधू सिंह पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया। अंग्रेज जज ने उनको फांसी की सजा सुनाई। फिर उनको सार्वजनिक रूप से फांसी देने का फैसला लिया गया ताकि कोई फिर बगावत न कर सके। 12 अगस्त 1857ई0 को गोरखपुर के अली नगर चौराहे पर बंधू सिंह के गले में जल्लाद ने जैसे ही फंदा डालकर लीवर खींचा फंदा टूट गया। छह बार जल्लाद ने फांसी पर उनको चढ़ाया लेकिन हर बार मजबूत से मजबूत फंदा टूटता गया। अंग्रेज परेशान हो गए। जल्लाद भी पसीने-पसीने होने लगा। जल्लाद गिड़गिड़ाने लगा, कि अगर वह फांसी नहीं दे सका तो उसे अंग्रेज फांसी पर चढ़ा देंगे। इसके बाद बंधू सिंह ने मां तरकुलहा देवी को गुहार लगाई और प्रार्थना कर कहा कि उनको फांसी पर चढ़ जाने दें। उनकी प्रार्थना के बाद सातवीं बार जल्लाद ने जब फांसी पर चढ़ाया तो उनकी फांसी हो सकी। इस घटना के बाद मां तरकुलहा देवी का महात्म दूर दराज तक पहुंचा और धीरे-धीरे भक्तों की संख्या माँ के दरबार मे बढ़ने लगी।“ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माँ तरकुलहा देवी का दर्शन कर 2.14 करोड़ रुपये की लागत से पयर्टन विकास की परियोजनाओं का शिलान्यास किए है, और तरकुलहा माता मंदिर के इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 88 लाख रुपये कार्यदायी संस्था को जारी कर दिए हैं।


गुरुवार, 10 अक्टूबर 2019

पी0बी0 न्यूज़ 24 स्टूडियो का उद्घाटन समारोह सम्पन्न।

पी0बी0 न्यूज़ 24 स्टूडियो का उद्घाटन समारोह सम्पन्न।


रिपोर्ट- मनोज सिंह/आज़मगढ़।                       (दिनांक-06/10/2019)      

   गोरखपुर…। रविवार को  नवरात्र के पर्व पर प्रणाम भारत न्यूज़ व पी0बी0 न्यूज 24 के न्यूज़ स्टूडियो का उद्घाटन किया गया। कार्यालय का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रणाम भारत न्यूज़ के प्रधान सम्पादक डॉ. सुरेश सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेन्द्र सिंह व पी0बी0 न्यूज़ 24 के सम्पादक डॉ. शत्रुधन सिंह ने फीता काट कर किया। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि- चैनल में इंटरव्यू, दिव्यांगों के लिए चलने वाली विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी, धार्मिक और सामाजिक खबरों के अलावा अन्य किसी विषय का प्रसारण नहीं किया जाएगा। विशिष्ट अतिथि ने कहा, कि- “ ‘बिना तनख्वाह लोगों की न्यूजों को लगवाता हूँ, तब जाकर मैं एक पत्रकार कहलाता हूँ।‘ यह बड़े सौभाग्य की बात है, कि अपने चैनल में एक नई कामयाबी शुरू हो रही हैं। यह निरन्तर बढ़ती रहेगी।“ वहीं पर डॉ0 शत्रुधन सिंह ने पत्रकारिता पर चर्चा करते हुए कहा कि- “कलम की धार ही पत्रकार की वास्तविक पहचान है। पत्रकारिता में साहस, धैर्य एवं संयम जैसे गुण ही संवदेनशील व जिम्मेदार बनाते हैं। भाषा, विचार, विषय एवं संवाद ही पत्रकारिता की परिभाषा, दशा और दिशा तय करते हैं।“ उदघाटन के अवसर पर मिशन पहल की शुरुआत एवं शुभ आरंभ किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के वीर जवानों, किसानों, अपने से छोटे- बड़े नवजवानों, बुजुर्गों, राष्ट्रीय धरोहर को सम्मान करना एवं सभी जाति, धर्म को समानता प्रदान करना और उद्देश्य का मुख्य आधार 'पेड़ लगाओ, जल बचाओ' की मुहिम की शुरुआत की गई। इस मौके पर गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती, खलीलाबाद, मऊ, आजमगढ़, कुशीनगर, संतकबीरनगर एवं अन्य जनपदों से पत्रकारगण- हरेंद्र यादव, बी0पी0 मिश्रा, रविन्द्र शर्मा, सुनील शाही, जितेंद्र, मनोज सिंह, नरसिंह यादव, रामाशीष, नुरुल्लाह खाँ, दिलशाद अहमद, परमात्मा गुप्ता, अमित, श्रीवास्तव, नागेन्द्र सिंह, रवि प्रकाश,  शक्ति तिवारी, धर्मेंद्र कुमार, योगेश, गोलू आदि मौजूद थे।